बेचना

बेचना
--------


बेचना 
उनके लिए 
एक क्रिया भर है 
जो वे कर रहे हैं 
क्योंकि उन्हें दिखाना है करके 
वो सब 
जो न हुआ आज तक 
बेचने को किसी ने नहीं लिया इस तरह 
 कि बेचने को बनाया जाए 
एक गरिमामय शब्द
कि बेचने को लगे 
कि उसे बरता जा रहा बहुत कायदे कानून के साथ
कि वह देश में किसी भी भाषा के 
किसी भी दूसरे शब्द से 
बहुत न्यारा है
और कि इससे पहले 
कितना उपेक्षित सा पड़ा था वह
शब्दकोश में दुबका सा
वे उसे वहाँ से निकालकर 
भर रहे उसमें ऐसे अर्थ 
कि लोग एकबारगी चीख उठे
एक साथ 
कि अरे हुजूर 
ये क्या कर रहे हैं आप 
क्यों आमादा हुए जा रहे बेचने को लेकर
कि अगर बेचने में ही लगे रहेंगे 
तो फिर और क्या बचेगा भाषा में
बेचने को बचाकर ही तो बचाये रखा हमने 
अब तक खुद को 
भाषा को देश को 
और अर्थ को भी
बेचने की आजादी कहीं भारी न पड़ जाए 
पर अपने हुजूर तो ठहरे 
आखिर हुजूर ही 
बोले 
चीजें बेची न जाएं 
तो जुड़ता जाता है कबाड़
कबाड़ से निकलती है
नकारात्मक ऊर्जा
जो घातक है देश के लिए 
समय आ गया है 
कि   बेच दिया जाय 
सारा पुराना कबाड़ 
और देश में 
देश की जनता में 
किया जाय
सकारात्मकता का संचार
बेचने को खुशी है 
कि आखिर वह आ ही गया 
लंबे समय बाद ही सही 
देश के काम