मोहे लाइक कमेंट व्यूज ही दीजो

मोहे लाइक कमेंट व्यूज ही दीजो


कोरोना काल क्या आया सब शोसल मीडिया पे ही उखर पड़े।वैसे उखरना अलग होना होता है लेकिन यहां उखरने का मतलब जुड़ना से लिया और लगाया जाएगा।उसपे भी तुर्रा कोरोना से भयंकर बीमारी लाइव की बीमारी हो चुकी है ।ये शौक है या फेमस होना या टाइम पास इसका पता लगाने के लिए आइस - पाइस का सहारा लिया जा सकता है अथवा हेड टेल का सहारा भी लिया जा सकता है ।


 कोरोना काल में असहाय मनुष्य पहले जिव भर किराना ढो -ढो घर में भरा । उसके बाद जिव भर के व्यंजन बनाए -खाए कम फेसबुक में फोटू ज़्यादा अपलोड किये ।कुछ पुरुष दस कदम आगे मनमोहिनी बनते देखे गये । मसलन रसोई में छौंक बघार के गुन के साथ - साथ भड़वा - बर्तन मांजने और झाड़ू - पोछा की फोटू डाल - डाल गुन बघार - बघार लाइक - कमेंट लूट रहे थे ।काश मैं कुछ लाइक - कमेंट स्टोर कर सकती ! या स्विस बैंक में चोरी से जमा कर आती ।


लाइक कमेंट का हमारे जीवन में इतना महत्व हो चुका है कि जैसे भंगेड़ी की भांग से।लोग कोरोना काल को खराब ही कहे जा रहे हैं लेकिन मेरा मानना है कोरोना काल में बहुत सी बातें अच्छी भी हुई हैं ।बहुत से ठप्प पड़े खेल प्रतियोगिताएं होने लगीं..कुछ व्यवसाय जो लुप्त होने की कगार पर लौटने की दिशा में हैं।


इन खेलों में मुख्यरुप से लूडो प्रतियोगिता का प्रतिशत बढा है । कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें जिनमें दो प्रतियोगी खेलने के समय निपटारा नहीं हो पाने की वजह से निपटारे के लिए थाने पहुंच गये , वरना इस खेल ने कोरोना काल में जितनी ख्याति मिली उतनी तो लाइव को लाइक कमेंट भी नहीं मिले।


और लुप्त होने के कगार पे बहुतेरे व्यवसाओं को भी जीवनदान मिला है । इसमें मुख्य रुप भैंस चराने का व्यवसाय चल पड़ा है । लोगों ने ऑफिस खोला तो कुछ ने इसकी फ़्रेंचाइज़ी भी ले ली । इस तरह से ये मृत प्राय काम भी चल पड़ा । भैंसें भी ठंडी हवा , ताजी घास खाकर खुश हैं तो.. बेरोजगार काम मिलने से खुश हैं ।भैंस चराते हुए तमाम रचनात्मक कार्य किए जा सकते हैं और सोशल मीडिया पे अपलोड करके लाइक कमेंट पाए जा सकते हैं । 


कोई कुछ भी कहे और करे नेटियों के लिए कोरोना काल बड़ा ही लाइकदायक और कमेंटदायक रहा । ये अंगूठे की क्रियात्मक   संतुष्टि भी मानी जाएगी ।मुझे तो अब एक कमरे से दूसरे कमरे में बैठे सदस्य को कुछ कहना हुआ तो लाइव आकर ही कहती हूं । इससे एक पंथ दो काज हो जाते हैं । एक तो लाइव आना हो जाता है और लाइक कमेंट का मुनाफा भी । अब तो ज्यादातर फेसबुकियों , इंस्टाग्रामियो और यूट्बियों की यही बस यही धुन रहती है कि लाइव आऊं ..कितने कमेंट और कितने लाइक - व्यूज़ पाऊं । 


कभी - कभी तो सोचती हूं कि लाइक कमेंट व्यूज़ के लिये कोई व्रत - पूजा रख लूं या मन्नत का धागा बांध आऊं । हे भगवान मुझे हर हाल में लाइक कमेंट व्यूज़ ही देना । 


मोरा मन बिन बारिश ही भीजो
मोहे लाइक कमेंट व्यूज ही दीजो


आऊं लाइव आशीर्वाद से ही सींचो
मोहे लाइक कमेंट व्यूज ही दीजो 



शशि पाण्डेय 


 


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